फटी ...... चिथड़ी ..... पुरानी डायरियों के ....पन्नों ... को समेटने के .. क्रम मे .
(नोट- रचनाओ का कॉपीराइट सुरक्षित है. इसका किसी भी तरह से उपयोग बिना अनुमति के नहीं किया जा सकता है)
शनिवार, 13 अगस्त 2016
इक बार हँस दो
कविता के रचना की तिथि 01-05-2004, स्थान- नई दिल्ली
अपनी रचनाओ को जारी रखना मित्र, जब मन उदास हो तो यही हंसाती और रुलाती है... keep going
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएं