पुरानी डायरी ..........
फटी ...... चिथड़ी ..... पुरानी डायरियों के ....पन्नों ... को समेटने के .. क्रम मे . (नोट- रचनाओ का कॉपीराइट सुरक्षित है. इसका किसी भी तरह से उपयोग बिना अनुमति के नहीं किया जा सकता है)
शनिवार, 20 अगस्त 2016
मंगलवार, 16 अगस्त 2016
न रा का स बिलासपुर की हिन्दी काव्य पाठ प्रतियोगिता
रविवार, 14 अगस्त 2016
शनिवार, 13 अगस्त 2016
शुक्रवार, 12 अगस्त 2016
कविता सादे पन्नो पर
शुक्रवार, 29 जनवरी 2010
पुरानी डायरी से......
पुरानी डायरियों के फटे हुए पन्ने, वास्तव मे बीते हुये समय की याद को एकदम से तरोताजा कर देती है.....अब या तो इन फटे, पुराने, सड़े, गले, डायरियों को यू ही फेक देना ....नहीं नहीं ....फेकना ही है ...तो इन्फॉर्मेशन हाइवे के ऊपर ही फेका जाय.....कहते है कि नयी बोतल में पुरानी शराब का मजा कुछ और ही होता हैं, खैर ये तो पीने वाले ही जाने.... मेरा तो काम तो सिर्फ बस परोसना ही है....पिलाना ही है..... और हाँ स्वाद कैसा रहा.....बताना ना भूलिएगा.......
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